प्यार गहरा हो या ना हो पर भरोसा गहरा होना चाहिये...
सच्ची मोहब्बत भी हम करते है,
वफ़ा भी हम करते है,
भरोसा भी हम करते है,
और आखिर में तन्हा जीने
की सजा भी हमे ही मिलती है,
नसीब से ज्यादा भरोसा "पगली"तुम पर किया,
..फिर भी...
नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गयी...
बहुत ख़ामोशी से टूट गया...
वो एक भरोसा जो उस पे था.!!!!