बहुत रोयेगी वो उस दिन जब याद आऊँगा मैं !
की कोई था पागल जो सिर्फ तेरे लिये पागल था !!
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया !
तुझसे भी दिलफ़रेब हैं, ग़म रोज़गार के !!
सोचते है उस को तो डुबते ही चले जाते है !
आंखे ही नहीं उस की यादें भी समंदर है !!
जख्म बन जाने की आदत है उसकी !
रूला कर मुस्कुराने की आदत है उसकी !
मिलेगें कभी तो खूब रूलाएगें उसको !
सुना है रोते हुए लिपट जाने की आदत है उसकी !!