एक लम्हा नहीं हूँ..जो छूकर गुुज़र जाऔगे मुझे
जिन्दगी हूँ...साथ चलना होगा आखिरी साँस तक
तू ज़ुबाँ गर नहीं खोले तो कोई बात नहीं..
हमको खामोशी भी सुनने का हुनर आता है
तेरा इश्क़ ही है मेरी बंदगी,मुझे और कुछ तो खबर नहीं
तुझे देख कर देखूँ ओर कहीं,अब मेरे पास वो नज़र नहीं