sir zuba se kiya wada
सिर्फ जुबां से किया हुआ ही वादा नहीं होता
बार-बार इजहार से प्यार ज्यादा नहीं होता..
मुझे जानना है तो मेरी रूह में समा जाओ
सिर्फ कनारे से समंदर का अंदाजा नहीं होता

kitna mahfooj tha
कितना..महफूज़..था..गुलाब..काँटों..की गोद में
लोगों की..मोहब्बत..में..पत्ता पत्ता..बिखर..गया

kash tu mujhse puche
काश तुम पुछो मुझसे क्या चाहियें
मैं पकड़ूँ बस हाथ तेरा
और कहूँ सिर्फ़ तेरा साथ चाहिए
