Poetry Tadka

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Nikli Thi Bina Naqab Ke

निकली थी बिना नकाब आज वो घर से !

मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया !!

nikli thi bina naqab ke

Kagzo Pe Likh Kar

कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं मै वो शख़्स नही वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है !!

kagzo pe likh kar

Suno Tum

सुनो तुम ही रख लो अपना बना कर !

औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर !!

suno tum

Adhoori Mohabbat

अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी गुमनाम !

ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे !!

adhoori mohabbat

Zindagi Me

जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ !

मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा नहीं !!

zindagi me