जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक !
मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले !!
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा !
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना !!
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है !!
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!