तु कोशिश तो कर किसी गरीब की मदत करने की !
ये तेरे होठ खुद व खुद ही मुस्करा देंगे !!
ढल रही हैं ज़िन्दगी बुझ गई शमा परवाने की !
अब वजह जीने की नहीं मिलती यहाँ !
ज़नाब आपको अब भी पड़ी हैं मुस्कराने की !!
तन्हाइयों का एक अलग ही सुरुर होता है !
इसमें डर नहीं होता.किसी से बिछड जाने का !!
आँसुओं और शराबों में गुजारी है हयात !
मैं ने कब देखी थी बरसात मुझे होश नहीं !
जाने क्या टूटा है पैमाना कि दिल है मेरा !
बिखरे-बिखरे हैं खयालात मुझे होश नहीं !!
कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं !
रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं !
मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ !
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं !!
मुझसे बेवफाई की इन्तहा क्या पूछते हो वह मुझसे मोहब्बत दिखती है किसी और के लिए
मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की !
कभी हम महक जाते हैं तो कभी बहक जाते हैं !!
तुम्हारी सुन्दर आँखों का मकसद कहीं ये तो नहीं !
कि जिसको देख लें उसे बरबाद कर दें !!
मुझे अपनी वफादारी पे कोई शक नही होता !
मैं खून-ए-दिल मिला देता हु जब झंडा बनाता हु !!
मेरी यादो मे तुम हो या मुझ मे ही तुम हो मेरे खयालो मे तुम हो या मेरा खयाल ही तुम हो दिल मेरा धडक के पूछे बार बार एक ही बात मेरी जान मे तुम हो या मेरी जान ही तुम हो
जो वक्त पे रिप्लाइ नहीं देती वो वक्त पे साथ क्या देगी !!
ये सोचकर उसके हर बात पे यकींन किया था मैंने !
की इतने हसीन होंठ झूठ कैसे बोलेंगे !!
बहाना मिल न जाये बिजलियों को टूट पड़ने का !
कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते !!
हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें हैं !
कहीं बुझी राख भड़का दे कहीं जलते चिराग बुझा दे !!
कभी सोचता हूँ वो क्यों मिला मुझे फिर सोचता हूँ वो क्यों नहीं मिला मुझे
आप मुझसे मिलने आये है !
बैठी़ये मै खुद को बुला के लाता हुं !!
हम तो वो हे जो तेरी बातेँ सुन कर तेरे हो गए थे !
वो और होंगे जिन्हे मोहब्बत चेहरो से होती हो !!
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब !
जिसकी आँखों में __इश्क़__ रोता हो !!
लडते रहते हैं दो मुल्कों की तरह तुम्हारे लिए !
तुम्हारी क्या खता है इसमें तुम हो ही कश्मीर सी सुंदर !!
हमारे इकरार के इरादे को दे जाता है हर रोज शिकस्त किसी और के लिये तेरा हल्का सा महफील मे मुस्कुरा देना
काश !मैं ऐसी शायरी लिखूँ तेरी याद में !
तेरी शक्ल दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में !!
दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं !
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं !
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का !
हम अकेले तो गुनहगार नहीं !!
मुझे मालूम नहीं कि मेरी आँखों को तलाश किस की है !
पर तुझे देखूं तो बस मंज़िल का गुमान होता है !!
उसकी चाहत के दो लम्हे बड़े ही जानलेवा थे !
पहले मोहब्बत का इक़रार फिर मोहब्बत से इनकार !!
काम उनके जो बस काम किया करते हैं !
अपने सपनों को अंजाम दिया करते हैं !
पता नहीं फिर कुछ लोग रंग क्यों बदलते हैं !
मुश्किल उनसे जो बदनाम किया करते हैं !!
किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी मैं मुस्करा के बोला: उसके ख्यालो मे डूब कर
आपका चेहरा हसीन_गुलाबो से मिलता_जुलता है !
नशा पीने से ज्यादा तुमको देखने से चढ़ता है !!
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना !
गमों की महफिल भी कमाल की जमती है !!
आधे दुःख गलत लोगो से उम्मीद रखने से होते है !
और बाकी आधे सच्चे लोगो पे शक करने से होते है !!
भूले नहीं हम उसे और भूलेगें भी नहीं बस नज़र अंदाज करेंगे उसे उसी की तरह
कभी मतलब के लिए तो कभी बस दिल्लगी के लिए !
हर कोई मोहाब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी तन्हा सी ज़िन्दगी के लिए !!
ज़र्रे जर्रे में छुपा है हौसलेवालों का जोश पैदा होते है इसी मिट्टी से ही सरफ़रोश
तरसेगा जब दिल तुम्हारा मेरी मुलाकात को !
ख्वाबो मे होगे तुम्हारे हम उसी रात को !!
जिसकी जितनी परवाह की जाये वो !
उतना ही बे-परवाह हो जाता है !!
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है !
तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है !!
अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है !
इसलिए मेरी कद्र किया करो वर्ना फिर कहते फिरोगे !
"बहती हवा सा था वो; यार हमारा था वो; कहाँ गया उसे ढूढों !!
तुमसे क्या गिला करना गुजारिश है मिला करना जिंदगी मेरी आसान होगी बस साँसों में घुला करना
मौसम सर्द है और फिजां भी सुहानी है !
बस तुम ,तुम्हारी यादें और बाकि सब बेमानी है !!
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो !
मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं !!
याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो ! दूर है जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो ! दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे !
खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे !!
सुर्ख आँखों से जब वो देखते हैं हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं क्यों मिलायें उन आँखों से आँखें सुना है वो आँखों से ही अपना बना लेते हैं
वो मेरे हाथो की लकीरे देखकर अक्सर Mayush हो जाती थी !
शायद उसे भी एहसास हो गया था कि वो मेरी Kismat मे नही !!
तुम एक दिन लौट के आओगे मुझे इतना यकीन है !
ये और बात है मै रहू या ना रहू इस दुनिया में !!
हो ना जाए हुश्न की शान में गुस्ताखी कही !
तुम चले जाओ तुम्हे देख कर प्यार आता है !!
एक आँसू कह गया सब हाले दिल का ! मै समझती थी ये ज़ालिम बे जुबान है !!
तेरी हुश्न की तारीफ में एक किताब लिख दिया !
कास तेरी वफा भी तेरी हुश्न के बराबर होता !!
वो नाकाम मोहब्बत है तू कर एक और मोहब्बत सुना हूँ इश्क दर्द भी है दवा भी