वो कागज आज भी मुझे फूलो की तरह लगता है
जिसपे तुमने लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है
काश तु देख सके मेरी उदासी के वो पल
कितनी प्यार से तेरी याद मेरी नीद चुरा लेती है
मुझे क्या पता यहा तुम से अच्छा है या नही
तुमहारे सिवा किसी और को गौर से देखा ही नहीं
बहुत रोका मगर कहा तक रोकता
मोहब्बत बढती गई तुमहारे नखरो की तरह