Husn Shayari
Tere Hus Pe Kurban Ho Jaoun
तेरे हुसन पे कुर्बान हो जाऊ तेरी बाहों में बेजान हो जाऊ ऐसी नजाकत है तेरी सूरत की कि मैं तो तेरा गुलाम हो जाऊ

Teri Sadgi Ka Husn Bhi Lajawab Hai
तेरी सादगी का हुस्न मी लाजवाब है मुझे नाज है के तू मेरा इंतेखाब है
क्या पूछते हो हमसे हुस्न की तारीफ़ हमें जिस से मोहब्बत हुई वो ही सबसे हसीं

Sundarta Par Phayar
कौन देखता है किसी को अब सीरत की नज़र से सिर्फ खूबसूरती को पूजते है नए ज़माने के लोग।

Raat Hoti Hai Aankho Me
जाने उस शख्स को कैसा हुनर आता है रात होते ही आँखों में उतर जाता है मै उसके खयालो से बच के कहा जाऊ वो मेरी हर सोच के रास्ते पे नज़र आता है

Husn Ka Naaz
हुस्न का अभी और बढ़ेगा शहर मे यारो दो आशिकों ने एक ही महबूब को चुन लिया है

Naaz Na Ho
वो हुस्न ही क्या जिसे नाज ना हो
और वो इश्क ही क्या जिसमें आग ना हो

Tere Husn Ko
तेरे हुस्न को नकाब की जरुरत ही क्या है
न जाने कौन रहता होगा होश में तुझे देखने के बाद
