जो तुम्हे ना समझे उसे नजरंदाज करो.
नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते हैं ,
इम्तेहान भी उनके जबरदस्त होते हैं
*जिसे "मैं" की हवा लगी*
* उसे फिर्न दवा लगी न दुआ लगी*
जीतने से पहले जीत
और हारने से पहले हार
कभी नहीं माननी चाहिये
कभी कभी
उनकी तासीर बड़ी कड़वी होती है
जिनकी गुफ़्तगू शक्कर सी होती है