Hindi Poetry
Khali Kagaz
बहुत रोयी होगी वो खाली कागज देख कर !
खत में उसने पुछा था ज़िंदगी कैसी बीत रही है !!
Hindi Poetry
जाने ये कैसा ज़हर दिलों में उतर गया !
परछाईं ज़िंदा रह गई इंसान मर गया !!
Dard
लोग कहते हैं आप,मुस्कुराते बहुत हैं !
हम परेशां हैं अपना,दर्द छुपाते छुपाते !!
Dhadkan
बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में !
वो दिल नीलाम हो गया जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी !!
Tootne Ki Wazah
मेरे टुटने की वजह मेरे जौंहरी से पुछो !
उसी की जिद् थी कि मुझे थोड़ा और तराशा जाये !!