किताब ऐ इश्क पढ़ रहा था मेरा भी उसमे नाम आया
मैंने अपने पन्ने का नाम खोला किस्मत देखो वही पन्ना फटा आया
ईश्क अगर अधुरा रह जाऍ तो खुद पर नाज करना
कहते है सच्ची मोहब्बत पुरी नही होती
सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें,
क़ुसूर ये था कि जीने के ख़्वाब देखे थे
मेरी हर खुशी हर बात तेरी है,
साँसो में छुपी ये हयात तेरी है,
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिना,
धड़कनो की धड़कती हर आवाज तेरी है.