मेरी मोहब्बत कुछ भी नही..! तेरा दर्द,दर्द ठहरा, मेरे जख़्म कुछ भी नही..!! तेरी बाते पत्थर की लकिर, मेरी इल्तज़ा कुछ भी नही..! तुझमे आना समुंदर जैसा, मेरा मन कुछ भी नही..!! तेरा गम,गम हुआ, मेरे आंसु कुछ भी नही..! तेरा वजुद सब कुछ जाना, मेरी हस्ती कुछ भी नही..!!