jab Tak Sans Hai Takrav Milta Rhega
jab Tak Riste Hai Ghav Milta Rhega
peeth Piche Jo Bolte Hai Unhe Piche Hi Rahne Do
rasta Sahi Hai To Gairo Se Bhi Lgav Milta Rhega
तेरी वफ़ा,वफ़ा जाना,
मेरी मोहब्बत कुछ भी नही..!
तेरा दर्द,दर्द ठहरा,
मेरे जख़्म कुछ भी नही..!!
तेरी बाते पत्थर की लकिर,
मेरी इल्तज़ा कुछ भी नही..!
तुझमे आना समुंदर जैसा,
मेरा मन कुछ भी नही..!!
तेरा गम,गम हुआ,
मेरे आंसु कुछ भी नही..!
तेरा वजुद सब कुछ जाना,
मेरी हस्ती कुछ भी नही..!!
मौत से कह दो के हम से नाराजगी ख़तम कर ले अब'
वो बहुत बदल गए है' जिसके लिए हम जिया करते हैं...!! Hindi Poetry
meri Koi Khata To Sabit Kar Jo Bura Hoon To Bura Sabit Kar Tumhe Chacha Hai Kitna Tu Kya Jane Chal Mae Bewfa Hi Sahi Too Apni Wfa Sabit Kar