Dard Bhari Shayari
Sookhey Patton Ki Tarah
सूखे पत्तों की तरह बिखरे हैं हम तो !किसी ने समेत भी तो सिर्फ जलने के लिए !!
Zulm Itna Na Kar
ज़ुल्म इतना न कर के लोग कहें तुझे दुश्मन मेरा ! हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है !!
Dil Se Juda
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए तुझको आँखों से नहीं दिल से जुड़ा करना है

Bahut The Mere
बहुत थे मेरे भी इस दुनियां में अपने !
फिर इश्क़ हुआ और हम लावारिश हो गए !!
Dil Ne Socha Tha
दिल ने सोचा था की टूट कर चाहेंगे उसे !
सच मनो.. टूटे भी बहुत और चाहा भी बहुत !!
Ek To Ye Raat Us Pe Ye Barsat
एक तो ये रात उस पे ये बरसात I एक साथ नहीं तेरा उस पर दर्द बे हिसाब !
कितनी अजीब है बात मेरे ही बस में नहीं मेरे हालात !!
Mera Rahne De
बहुत कुछ खो चूका हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझे सवारने की कोशीश में अब बस ये जो कुछ लोग मेरे हैं इन्हें मेरा ही रहने दे
