दिल ने सोचा था की टूट कर चाहेंगे उसे !
सच मनो.. टूटे भी बहुत और चाहा भी बहुत !!
एक तो ये रात उस पे ये बरसात I एक साथ नहीं तेरा उस पर दर्द बे हिसाब !
कितनी अजीब है बात मेरे ही बस में नहीं मेरे हालात !!
बहुत कुछ खो चूका हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझे सवारने की कोशीश में अब बस ये जो कुछ लोग मेरे हैं इन्हें मेरा ही रहने दे