Poetry Tadka

Waqt Shayari

Shayari On Waqt

अगर जिंदगी में बुरा वक़्त ना आये  तो हम अपनों में पराये और परायों में  अपने कभी नहीं ढूंढ पाएंगे।

   

Shayari on waqt

Bura Waqt Shayari

जो लोग मेरे  बुरे वक्त में मेरे साथ है उनके लिए मेरे पास एक ही  शब्द है मेरा अच्छा वक्त सिर्फ तुम्हारे लिए होगा

         

Bura Waqt Shayari

Waqt Badalne Mein Der Nahi Lagta

वक्त देखकर साथ छोड देने वालों  एक बात ज़रूर याद रखना  वक्त बदलने में देर नहीं लगती।     

waqt badalne mein der nahi lagta

Bure Waqt Zara Adab Se Pesh Aa

ए बुरे वक़्त ज़रा अदब से पेश आ वक़्त नहीं लगता वक़्त बदलने में।        ।

bure waqt zara adab se pesh aa

Kabhi Kabhi Waqt Bhi Galat Hota Hai

हर वक्त इंसान ही नहीं गलत  होता कभी कभी वक्त भी गलत होता है।    

kabhi kabhi waqt bhi galat hota hai

Waqt Kharch Na Karo

पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च ना करो की पैसा खर्च करने के लिए ज़िन्दगी में वक़्त ही न मिले
waqt kharch na karo

Waqt Janta Hai

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना.

Jab Dil Pe Chha Rahi Hai

जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की

उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख 

Waqt Ki Dard

जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द

उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले

Waqt Meri Tabahi Pe Hasta Raha

वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा

रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही

waqt meri tabahi pe hasta raha

Kal Mila Waqt To

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा

आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में

kal mila waqt to

Pal Bhar Me

यूँ तो पल भर में सुलझ जाती है उलझी ज़ुल्फ़ें

उम्र कट जाती है पर वक़्त के सुलझाने में

pal bhar me

Yhi Waqt Hai

सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का

यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का

Ae Dil

ऐ दिल की ख़लिश चल यूँ ही सहीं

चलता तो हूँ उन की महफ़िल में

उस वक़्त मुझे चौंका देना

जब रँग में महफ़िल आ जाए

Khamoosh Huy Jati Hai

वो ख़लिश जिस से था हंगामा-ए-हस्ती बरपा

वक़्त-ए-बेताबी-ए-ख़ामोश हुई जाती है

Aap Ke Dushman

आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश

आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये

 

Chup Chap Khada Hoon

सब एक नज़र फेंक के बढ़ जाते हैं आगे

मैं वक़्त के शो-केस में चुप-चाप खड़ा हूँ

Dard Ki Raat

तुम ने वो वक्त कहां देखा जो गुजरता ही नहीं

दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो