Poetry Tadka

Un Category

Adhuri Mohabbat

मेरी अधूरी मोहब्बत का मुझे हिसाब चाहिये !

मैं सही था या ग़लत बस मुझे ज़वाब चाहिये !!

Tum Fir Na Aa Sko Ge

तुम फिर ना आ सकोगे बताना तो था ना मुझे !

तुम दूर जा कर बस गए और हम ढूँढते रह गये !!

Bura Ho Waqt

बुरा हो वक़्त तो सब आजमाने लगते है !

बड़ो को छोटे भी आँख दिखाने लगते है !

नए अमीरों के घर अगर जाओ !

हर एक चीज़ की कीमत बताने लगते है !!

 

Itna Kafi Nahi

इस से ज्यादा और क्या 

सजा दे हम अपने आप को !

इतना काफी नहीं है कि 

तेरे बगैर रहना सीख रहे है !!

Mohabbat Nahi

मोहब्बत नही है  तो मुकद्दमा ही कर देते !
कम से कम इसी बहाने तुम्हारा दीदार तो होता !!

mohabbat nahi