Poetry Tadka

Thank You Shayari

Intezar Mat Karo

इन्तजार मत करो जितना तुम सोचते हो 

ज़िन्दगी उससे कही ज्यादा तेजी से निकल रही है 

intezar mat karo

Nafrat Kab Tak Karoge

उड़ा भी दो रंजिशे इन हवाओं में यारो 

छोटी सी ज़िन्दगी है नफरत कबतक करो गे 

nafrat kab tak karoge

Sath Rahte Ho

यादे बनकर जो तुम साथ रहते हो मेरे 

इतने अहसान का भी सौ बार शुक्रिया 

sath rahte ho

Apni Zindagi Badal Di

वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सके 

मैंने ना जाने क्यों अपनी ज़िन्दगी बदल दी 

apni zindagi badal di

Prem Insan Ko

प्रेम इन्सान को कभी मुरझाने नहीं देता 

और नफरत इन्सान को कभी खिलने नहीं देता

prem insan ko