अब इतनी भी सादगी का जमाना ना रहा
तुम वक्त गुजारो और हम मोहब्बत समझे
मै रात भर जागता रहता हूँ ऐसे शख्स के यादो में
जिसे दिन के उजालो में भी मेरी याद नहीं आती
रिवाज तो यही है दुनिया का मिल जाना बिछड़ जना
तुमसे ये कोन सा रिश्ता है ना मिलते हो ना बिछड़ते हो
चलो गलत समझकर ही उम्र भर याद तो करोगे