जिन्दगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी
अब धुएँ पर तमाशा कैसा,और राख पर बहस कैसी
मैंने तुम्हारे यादों में रो रो के तुब भर दिया
मगर तुम इतनी बे-वफ़ा निकले की नहाके चल दिए
हर बात का जवाब फटाक से सेम टू यू देने वाली से
जब आई लव यू कहा तो शरमा सी गयी
मेरे ऐबों को तलाशना बंद कर दिया है लोगों ने
मैंने तोहफ़े में उन्हें जब से आईना दे दिया है