ऊँचा उठाना है तो अपने अन्दर के अहंकार को निकाल कर खुद को हल्का करो क्युकी ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है !!
हद ए शहर से निकली तो गावं गावं चली !
कुछ यादे मेरे संग पाव पाव चली !
सफर जो धुप का किया तो तजुर्बा हुआ !
वो ज़िन्दगी भी क्या जो छाव छाव चली !!