बड़ा मुश्किल है जज़्बातो को शायरी में बदलना,
हर दर्द महसूस करना पड़ता है यहाँ लिखने से पहले
हम तो पागल हैं जो, शायरी में दिल की बात कह देते हैं
लोग तो गीता पर हाथ रख कर भी , सच नहीं बोलते हैं !!
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम