dil ki baat, दिल की बात शायरी के साथ, dil ki baat shayarana andaz
चेहरे की हंसी से गम को भुला दो
कम बोलो पर सब कुछ बता दो
ख़ुद ना रूठो पर सबको हंसा दो
यही राज है जिन्दगी का
जियो और जीना सिखा दो
अब तेरी कोई वजह नही यहां रहने की
चल छोड सब को, तेरी सरहद आ गई गम सहने की
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहती हूँ,
देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहती हूँ
होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का
शायद नज़रों से वो बात हो जाए
इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का
कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए
कुछ चेहरे भुलाए नहीं जाते
कुछ नाम दिल से मिटाए नहीं जाते
मुलाक़ात हो न हो, अय मेरे यार
प्यार के चिराग कभी बुझाए नहीं जाते
काश वो नगमें हमें सुनाए ना होते
आज उनको सुनकर ये आंसू ना आए होते
अगर इस तरह भूल जाना ही था
तो इतनी गहराई से दिल में समाए ना होते।
भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे
साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे
दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे
वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो
मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो
तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है