मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं
ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं
जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो
मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं
from : Dil Ki Baat Shayari