hum Sab Log Wo Kar Sakte Hai-jo Hum Shonch Sakte Hai-aur Hum Wo Sonch Sakte Hai Jo Aaj Tak Hum Logo Ne Nahi Soncha !!
लोहा नरम होकर औजार बन जाता है !
सोना नरम होकर जेवर बन जाता है !
मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है !
आटा नरम होकर रोटी बन जाता है !
ठीक ईसी तरह अगर इन्सान भी नरम हो जाए
तो लोगो के दिलो में अपनी जगह बना लेता है !!