Two Line Shayari
Kaam aasan bhi humse
भुल जाना उसे मुश्कील तो नहीं है लेकिन !
काम आसान भी हम से कहां होते है !!
Hme pta hai
हमें पता है.तुम. कहीं और के मुसाफिर हो !
हमारा शहर तो.. बस यूँ ही. रास्ते में आया था !!
Jo duhai nahi deta
मैं जुर्म-ए-ख़मोशी की सफ़ाई नहीं देता !
ज़ालिम उसे कहिए जो दुहाई नहीं देता !!
Uski yado me
खुदा जाने कशीश कैसी है, उस की यादों में !
मै जरा जिक्र छेडुं तो हवांए रक्स करती है !!
Is shar me andaz azab hai
इस शहर के अंदाज अजब देखे है यारों !
गुंगो से कहा जाता है, बहरों को पुकारो !!