बहुत रोयी होगी वो खाली कागज देख कर ..
खत में उसने पुछा था ज़िंदगी कैसी बीत रही है ..!!!
इंसान को बोलना सीखने में
दो साल लग जाते हैं
लेकिन क्या बोलना है,
यह सीखने में पूरी
ज़िन्दगी निकल जाती है !!
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते...
किसी ने मुझसे पूँछा कैसी है अब जिंदगी !
मैने मुस्कुरा कर जवाब दिया ....वो खुश है !!
ज़िन्दगी गुजारने का ढंग तो ना सिख सके !
किसीकी यादों ने दे रखा है,हौसला जीने का !!