वो पगली बहुत याद आती है
उसे पता है मुझसे इंतजार होता नहीं
फिर भी इंतजार करवाती है
उसे पता है तन्हाई मुझे अच्छी नहीं लगती
फिर भी छोड के वो मुझे चली जाती है
उसे पता है की वो मेरे जिस्म-ओ-जान मे बसती है
फिर भी वो मुझे हर बार भूल जाती है
उसे पता है मुझे सिर्फ उस से ही मोहब्बत है
फिर भी वो मुझे हर पल सताती है
जब जब उसे भूलने की कोशिश की
तब तब वो बहोत याद आती है
कभी गुस्सा तो कभी बहोत प्यार मुझपर लूटाती है
वो पगली मुझे इस तरहा से तडपाती है
कहती है हम सिर्फ दोस्त हैं
फिर क्यूँ अपनी मोहब्बत हर बार वो जताती है
इजहार-ए-मोहब्बत में वो हर बार इंकार वो करती है
फिर भी वो मुझे बहोत चाहती है
अपना हर सूख-दुख वो मुझसे बाँट लेती है
कभी दिल दुखे उसका तो मुझसे लिपट के रो लेती है
वो पगली मुझे बहोत याद आती है
from : Jaan Shayari