लडता रहा मे जिन्दगी से तूम्हे पाने के लिए
वो बहाना ढूढती रही मूझसे खफा होने के लिए
मेरा दिल मूझसे ही छूप कर रोता हे ये सोचकर जालिम
कि सिने मे जिसने पनाह दी मैनै उसके साथ
धोखा कर धडकता रहा बेवफा के लिए
from : Sad Poetry in Urdu