Zakir Khan Shayari
Best Shayari By Zakir Khan In Hindi
तेरी बेवफाई के अंगारों में लिपट रही ये स्ह मेरी मैं इस तरह आग न होता जो हो जाती तू मेरी एक सांस से दहक जाता है शोला दिल का शायद हवाओ में फैली है खुशबू तेरी अब वो आग नहीं रही न शोलो जैसा दहकता हूँ रंग भी सब के जैसा है सबसे ही तो महकता हूँ एक अरसे से हूँ थामे कश्ती को भवर में तूफ़ान से भी ज्यादा साहिल से डरता हूँ -जाकिर खान

Zakir Khan Quotes
हज़ारों बार के सुने हुए गाने के लिरिक्स अगर अचानक से अच्छे लगने लग जाएँ तोह बाबू समझ जाओ की इमोशनल वाट लगने ही वाली है

Yun To Bhoole Hain Humein Log Kayi
यूँ तोह भूले हैं हमें लोग कई पर तुम जितना उनमें से कभी याद नहीं आया

Zakir Khan Poetry
बेवजह बेवफ़ाओं को याद किया है गलत लोगों पे बहुत वक़्त बर्बाद किया है

Zakir Khan Shayari On Love
हर एक कॉपी के पीछे कुछ न कुछ खास लिखा है बस इस तरह तेरे मेरे इश्क का इतिहास लिखा है तू दुनिया मैं चाहे जहाँ भी रहे अपनी डायरी में मैंने तुझे पास लिखा है

Zindagi Se Kuch Zyada Nahi
ज़िन्दगी से कुछ ज़्यादा नहीं बस इतनी सी फ़रमाइश है अब तस्वीर से नहीं तफ्सील से मिलने की ख्वाहिश है
