कुछ खूबसूरत पल याद आते हैं
पलकों पर आँसु छोड जाते हैं
कल कोई और मिले हमें न भुलना
क्योंकि कुछ रिश्ते जिन्दगी भर याद आते हैं
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना
क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है
आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आता है
मुझेरोटी खिलाने के लिए कभी माँ मेरे पीछे भागती थी
किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं
ये दुनिया वाले भी बडे अजीब है
दर्द आँखो से निकले तो 'कायर' कहते हैं
और बातों से निकले तो 'शायर' कहते है
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की
तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का
एक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो मैं अपना गम भुलाता हूँ
एक मीठी सी मुस्कान है बेटी
यह सच है कि मेहमान है बेटी
उस घर की पहचान बनने चली
जिस घर से अनजान है बेटी
हमें तुमसे इतनी मुहब्बत है क्या बतायें
अगर बारिश की बूँदें भी तुम्हें छू लें तो जलन होती है
सिर्फ इतना ही कहा है प्यार है तुमसे
जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की
प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की
फ़रियाद कर रही है तरसती हुई निगाह
देखे हुए किसी को बहुत दिन गुजर गए
मेरी अधूरी मोहब्बत का मुझे हिसाब चाहिये
मैं सही था या ग़लत बस मुझे ज़वाब चाहिये
तुम फिर ना आ सकोगे बताना तो था ना मुझे
तुम दूर जा कर बस गए और हम ढूँढते रह गये
बुरा हो वक़्त तो सब आजमाने लगते है
बड़ो को छोटे भी आँख दिखाने लगते है
नए अमीरों के घर अगर जाओ
हर एक चीज़ की कीमत बताने लगते है
इस से ज्यादा और क्या
सजा दे हम अपने आप को
इतना काफी नहीं है कि
तेरे बगैर रहना सीख रहे है
मोहब्बत नही है तो मुकद्दमा ही कर देते
कम से कम इसी बहाने तुम्हारा दीदार तो होता
क्यूं बोझ हो जाते हैं झुके हुए कांधे
जिनपरचढ़कर कभी मेले देखे थे
जो व्यक्ति मेरे बुरे वक्त में मेरे साथ हैंउनके लिऐ मेरे पास एक ही शब्द हैमेरा अच्छा वक्त सिर्फ तुम्हारे लिऐ होगा।
पहचान से मिला कामबहुत कम समय के लिए टिकता है
पर काम से मिली पहचान उम्र भर कायम रहती है
"जितना अधिक हम अपने दुर्भाग्य पर ध्यान केन्द्रित करेंगे उतना ही अधिक वो हमें नुकसान पहुंचाने के लिए शक्तिशाली होगा"
"कभी दूसरों को बदलने की अपेक्षा मत रखो स्वयं बदलो जैसे कंकर से बचने के लिए स्वयं जूते पहनना उचित है न कि पूरी धरती पर कारपेट बिछाना"
पवित्रता धैर्य तथा प्रयत्न के द्वारा सारी बाधाएँ दूर हो जाती हैं
इसमें कोई सन्देह नहीं कि महान कार्य सभी धीरे धीरे होते हैं
लोग हमारे बारे में क्या सोचते है अब अगर ये भी हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?