Poetry Tadka

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Zamana Bhool Jate Hain

हम कबूल करते हैं , 

हमें फुर्सत नहीं मिलती 

मगर ये भी ज़रा सोचो , 

तुम्हें जब याद करते हैं , 

ज़माना भूल जाते हैं

zamana bhool jate hain

Apni Kahani

आओ फिर से दोहराएं अपनी कहानी,

मैं तुम्हे बेपनाह चाहूँगा और

तुम मुझे बेवज़ह छोड़ जाना

apni kahani

Kaise Dekhte Honge

हम तो फना हो गए उनकी आंखें देखकर ग़ालिब

न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे

kaise dekhte honge

Jaan Chalti Hai

मेरी बाकी उँगलियाँ भी उस ऊँगली

से जलती है जिस ऊँगली

को पकड़ कर मेरी जान चलती है

jaan chalti hai

Kya Karoon

दूरी ने कर दिया है तुझे और भी क़रीब,

तेरा ख्याल आकर ना जाए तो क्या करूँ

kya karoon