मैं एक दोस्त के साथ अँधेरे में रहना पसंद करूँगा न कि रौशनी में अकेला चलना !!
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है !
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है !
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो !
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है !!