महसूस कर रहे है तेरी लापरवाही कुछ दिनो से,
याद रखना अगर हम बदल गए
तो मनाना तेरे बस की बात नहीं.
चुप था इसलिए तूने मेरा तमाशा बना दिया वरना मेरे पास भी थे सौ सौ जवाब तेरे हर एक सवाल के
हम जिसके साथ वक्त को भूल जाते थे आज वो वक़्त के साथ हमे ही भूल गया
जीने की चाह थी पर मजबूर थे कितने
तलास थी हमे तुम्हरी पर तुम दूर थे कितने