Munawar Faruqui Shayari
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Munawar Faruqui Shayari In Hindi
हसी की तिजारत कर रहा था शहरों में
राहतें ढूंढ रहा था था गैरो में
मुझे आने में देर हुई, माफ़ करना
अपनों के तोड़े कांच थे पैरों में
Pyar Ka Dard Sher O Shayari
ये सुना है कि हिज्र में मेरे आपने मुस्कुराना छोड़ दिया
ये तो ऐसा है जैसे मछली ने सर्दियों में नहाना छोड़ दिया
ये तो ऐसा है जैसे मछली ने सर्दियों में नहाना छोड़ दिया
Pyar Ka Mitha Dard Shayari
Hamara Haq To Nahin Hai
हमारा हक तो नही है फिर भी ये तुमसे कहते है
हमारी जिंदगी ले लो मगर उदास मत रहा करो
उलझते रहने में कुछ भी नहीं थकन के सिवा
बहुत हक़ीर हैं हम तुम बड़ी है ये दुनिया