Motivational Stories
Short Motivational Story In Hindi
एक 6 वर्ष का लडका अपनी 4 वर्ष की छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था। अचानक से उसे लगा कीउसकी बहन पीछे रह गयी है। वह रुका पीछे मुडकर देखा तो जाना कि उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खडी कोई चीज निहार रही है। लडका पीछे आता है और बहन से पुछता है "कुछ चाहिये तुम्हे ?" लडकी एक गुड़िया की तरफ उंगली उठाकर दिखाती है। बच्चा उसका हाथ पकडता है एक जिम्मेदार बडे भाई की तरह अपनी बहन को वह गुड़िया देता है। बहन बहुत खुश हो गयी है। दुकानदार यह सब देख रहा था बच्चे का व्यवहार देखकर आश्चर्यचकित भी हुआ
अब वह बच्चा बहन के साथ काउंटर पर आया और दुकानदार से पुछा "सर कितनी कीमत है इस गुड़िया की ?" दुकानदार एक शांत व्यक्ती है उसने जीवन के कई उतार चढाव देखे होते है। उन्होने बडे प्यार और अपनत्व से बच्चे से पुछा "बताओ बेटे आप क्या दे सकते हो?" बच्चा अपनी जेब से वो सारी सीपें बाहर निकालकर दुकानदार को देता है जो उसने थोडी देर पहले बहन के साथ समुंदर किनारे से चुन चुन कर लायी थी। दुकानदार वो सब लेकर युं गिनता है जैसे पैसे गिन रहा हो। सीपें गिनकर वो बच्चे की तरफ देखने लगा तो बच्चा बोला"सर कुछ कम है क्या?" दुकानदार :-" नही नही ये तो इस गुड़िया की कीमत से ज्यादा है ज्यादा मै वापिस देता हूं" यह कहकर उसने 4 सीपें रख ली और बाकी की बच्चे को वापिस दे दी। बच्चा बडी खुशी से वो सीपें जेब मे रखकर बहन को साथ लेकर चला गया।
यह सब उस दुकान का नौकर देख रहा था उसने आश्चर्य से मालिक से पुछा " मालिक इतनी महंगी गुड़िया आपने केवल 4 सिपों के बदले मे दे दी ?" दुकानदार हंसते हुये बोला "हमारे लिये ये केवल सीप है पर उस 6साल के बच्चे के लिये अतिशय मूल्यवान है। और अब इस उम्र मे वो नही जानता की पैसे क्या होते है ? पर जब वह बडा होगा ना और जब उसे याद आयेगा कि उसने सिपों के बदले बहन को गुड़िया खरीदकर दी थी तब ऊसे मेरी याद जरुर आयेगी वह सोचेगा कि "यह विश्व कुछ अच्छे मनुष्यों की वजह से बचा हुआ है।" यही बात उसके अंदर सकारात्मक दृष्टीकोण बढाने मे मदद करेगी और वो भी अच्छा इंन्सान बनने के लिये प्रेरित होगा।।

Hindi Inspirational Story Sms
एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें टेबल टेनिस की गेंदें डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक कि उसमें एक भी गेंद समाने की जगह नहीं बची उन्होंने छात्रों से पूछा - क्या बरनी पूरी भर गई ? हाँ आवाज आई फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे - छोटे कंकर उसमें भरने शुरु किये धीरे - धीरे बरनी को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर उसमें जहाँ जगह खाली थी समा गये फ़िर से प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा क्या अब बरनी भर गई है छात्रों ने एक बार फ़िर हाँ कहा अब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले - हौले उस बरनी में रेत डालना शुरु किया वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गई अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा क्यों अब तो यह बरनी पूरी भर गई ना ? हाँ अब तो पूरी भर गई है सभी ने एक स्वर में कहा सर ने टेबल के नीचे से चाय के दो कप निकालकर उसमें की चाय जार में डाली चाय भी रेत के बीच स्थित थोडी सी जगह में सोख ली गई प्रोफ़ेसर साहब ने गंभीर आवाज में समझाना शुरु किया इस काँच की बरनी को तुम लोग अपना जीवन समझो टेबल टेनिस की गेंदें सबसे महत्वपूर्ण भाग अर्थात भगवान परिवार बच्चे मित्र स्वास्थ्य और शौक हैं छोटे कंकर मतलब तुम्हारी नौकरी कार बडा़ मकान आदि हैं और रेत का मतलब और भी छोटी - छोटी बेकार सी बातें मनमुटाव झगडे़ है अब यदि तुमने काँच की बरनी में सबसे पहले रेत भरी होती तो टेबल टेनिस की गेंदों और कंकरों के लिये जगह ही नहीं बचती या कंकर भर दिये होते तो गेंदें नहीं भर पाते रेत जरूर आ सकती थी ठीक यही बात जीवन पर लागू होती है यदि तुम छोटी - छोटी बातों के पीछे पडे़ रहोगे और अपनी ऊर्जा उसमें नष्ट करोगे तो तुम्हारे पास मुख्य बातों के लिये अधिक समय नहीं रहेगा मन के सुख के लिये क्या जरूरी है ये तुम्हें तय करना है । अपने बच्चों के साथ खेलो बगीचे में पानी डालो सुबह पत्नी के साथ घूमने निकल जाओ घर के बेकार सामान को बाहर निकाल फ़ेंको मेडिकल चेक - अप करवाओ टेबल टेनिस गेंदों की फ़िक्र पहले करो वही महत्वपूर्ण है पहले तय करो कि क्या जरूरी है बाकी सब तो रेत है छात्र बडे़ ध्यान से सुन रहे थे अचानक एक ने पूछा सर लेकिन आपने यह नहीं बताया कि " चाय के दो कप " क्या हैं ? प्रोफ़ेसर मुस्कुराये बोले मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यों नहीं किया इसका उत्तर यह है कि जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे लेकिन अपने खास मित्र के साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेशा होनी चाहिए

Inspirational Stories In Hindi PDF
एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।* *जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता।* *पेड के उपर चढ़ताआम खाताखेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता।* *उस बच्चे और आम के पेड के बीच एक अनोखा रिश्ता बन गया।* *बच्चा जैसे-जैसे बडा होता गया वैसे-वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया।* *कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया।* *आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता।* *एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी तरफ आते देखा और पास आने पर कहा* *"तू कहां चला गया था? मै रोज तुम्हे याद किया करता था। चलो आज फिर से दोनो खेलते है।"* *बच्चे ने आम के पेड से कहा* *"अब मेरी खेलने की उम्र नही है* *मुझे पढना हैलेकिन मेरे पास फीस भरने के पैसे नही है।"* *पेड ने कहा* *"तू मेरे आम लेकर बाजार मे बेच दे* *इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।"* *उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम तोड़ लिए और उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया।* *उसके बाद फिर कभी दिखाई नही दिया।* *आम का पेड उसकी राह देखता रहता।* *एक दिन वो फिर आया और कहने लगा* *"अब मुझे नौकरी मिल गई है* *मेरी शादी हो चुकी है* *मुझे मेरा अपना घर बनाना हैइसके लिए मेरे पास अब पैसे नही है।"* *आम के पेड ने कहा* *"तू मेरी सभी डाली को काट कर ले जाउससे अपना घर बना ले।"* *उस जवान ने पेड की सभी डाली काट ली और ले के चला गया।* *आम के पेड के पास अब कुछ नहीं था वो अब बिल्कुल बंजर हो गया था।* *कोई उसे देखता भी नहीं था।* *पेड ने भी अब वो बालक/जवान उसके पास फिर आयेगा यह उम्मीद छोड दी थी।* *फिर एक दिन अचानक वहाँ एक बुढा आदमी आया। उसने आम के पेड से कहा* *"शायद आपने मुझे नही पहचाना* *मैं वही बालक हूं जो बार-बार आपके पास आता और आप हमेशा अपने टुकड़े काटकर भी मेरी मदद करते थे।"* *आम के पेड ने दु:ख के साथ कहा* *"पर बेटा मेरे पास अब ऐसा कुछ भी नही जो मै तुम्हे दे सकु।"* *वृद्ध ने आंखो मे आंसु लिए कहा* *"आज मै आपसे कुछ लेने नही आया हूं बल्कि आज तो मुझे आपके साथ जी भरके खेलना है* *आपकी गोद मे सर रखकर सो जाना है।"* *इतना कहकर वो आम के पेड से लिपट गया और आम के पेड की सुखी हुई डाली फिर से अंकुरित हो उठी।* *वो आम का पेड़ हमारे माता-पिता हैं।* *जब छोटे थे उनके साथ खेलना अच्छा लगता था।* *जैसे-जैसे बडे होते चले गये उनसे दुर होते गये।* *पास भी तब आये जब कोई जरूरत पडी* *कोई समस्या खडी हुई।* *आज कई माँ बाप उस बंजर पेड की तरह अपने बच्चों की राह देख रहे है।* *जाकर उनसे लिपटे* *उनके गले लग जाये* *फिर देखना वृद्धावस्था में उनका जीवन फिर से अंकुरित हो उठेगा

Real Life Inspirational Stories In Hindi Me
नई नवेली दुल्हन जब ससुराल में आई तो उसकी सास बोली : बींदणी कल माता के मन्दिर में चलना है बहू ने पूछा : सासु माँ एक तो ' माँ ' जिसने मुझ जन्म दिया और एक ' आप ' हो और कोन सी माँ है ? सास बडी खुश हुई कि मेरी बहू तो बहुत सीधी है सास ने कहा - बेटा पास के मन्दिर में दुर्गा माता है सब औरतें जायेंगी हम भी चलेंगे । सुबह होने पर दोनों एक साथ मन्दिर जाती है । आगे सास पीछे बहू । जैसे ही मन्दिर आया तो बहू ने मन्दिर में गाय की मूर्ति को देखकर कहा : माँ जी देखो ये गाय का बछड़ा दूध पी रहा है मैं बाल्टी लाती हूँ और दूध निकालते है । सास ने अपने सिर पर हाथ पीटा कि बहू तो " पागल " है और बोली :- बेटा ये स्टेच्यू है और ये दूध नही दे सकती। चलो आगे । मन्दिर में जैसे ही प्रवेश किया तो एक शेर की मूर्ति दिखाई दी । फिर बहू ने कहा - माँ आगे मत जाओ ये शेर खा जायेगा सास को चिंता हुई की मेरे बेटे का तो भाग्य फूट गया । और बोली - बेटा पत्थर का शेर कैसे खायेगा ? चलो अंदर चलो मन्दिर में और सास बोली - बेटा ये माता है और इससे मांग लो यह माता तुम्हारी मांग पूरी करेंगी । बहू ने कहा - माँ ये तो पत्थर की है ये क्या दे सकती है ? जब पत्थर की गाय दूध नही दे सकती ? पत्थर का बछड़ा दूध पी नही सकता ? पत्थर का शेर खा नही सकता ? तो ये पत्थर की मूर्ति क्या दे सकती है ? अगर कोई दे सकती है तो आप है " आप मुझे आशीर्वाद दीजिये " । तभी सास की आँखे खुली वो बहू पढ़ी लिखी थी तार्किक थी जागरूक थी तर्क और विवेक के सहारे बहु ने सास को जाग्रत कर दिया अगर मानवता की प्राप्ति करनी है तो पहले असहायों जरुरतमंदों गरीबो की सेवा करो परिवार समाज में लोगो की मदद करे । "अंधविश्वास और पाखण्ड को हटाना ही मानव सेवा है " । बाकी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च तो मानसिक गुलामी के केंद्र हैं ना कि ईश्वर प्राप्ति के मानव का सफर पत्थर से शुरु हुआ था। पत्थरों को ही महत्व देता है और आज पत्थर ही बन कर रह गया ------------------------ 1 चूहा अगर पत्थर का तो उसको पूजता है। (गणेश की सवारी मानकर) लेकिन जीवित चूहा दिख जाये तो पिंजरा लगाता है और चूहा मार दवा खरीदता है। 2सांप अगर पत्थर का तो उसको पूजता है। (शंकर का कंठहार मानकर) लेकिन जीवित सांप दिख जाये तो लाठी लेकर मारता है और जबतक मार न दे चैन नही लेता। 3बैल अगर पत्थर का तो उसको पूजता है। (शंकर की सवारी मानकर) लेकिन जीवित बैल(सांड) दिख जाये तो उससे बचकर चलता है । 4कुत्ता अगर पत्थर का तो उसको पूजता है। (शनिदेव की सवारी मानकर) लेकिन जीवित कुत्ता दिख जाये तो 'भाग कुत्ते' कहकर अपमान करता है। हे मानव पत्थर से इतना लगाव क्यों और जीवित से इतनी नफरत क्यों? अगर आप को इस पोस्ट में कुछ सत्य लगा हो तो आगे शेर करे - अगर आप के भावनाओ को चोट पहुची हो तो माफ़ी चाहता हूँ

Motivational Story In Hindi PDF
एक माँ का इकलौता बेटा सीमा पर दुश्मनों से लड़ रहा होता है उसे गोली लग जाती है उसकी आँखें मुंदने लगती है तभी उसे अपनी बूढ़ी अकेली माँ का ख्याल आता है वो माँ को ख़त लिखता हैक्या लिखता है जरा गौर करें ऐ माँ किस मुंह से तुझको मैंअपनी हालत को बतलाऊँ इतनी भी साँस नहीं बाकी कि तुझे अलविदा कह पाऊँ भारत माँ पर हथियार उठे तो बेटा चुप न रह पाया जब तक थी साँस नहीं आगे कोई भी दुश्मन टिक पाया जाते जाते इक बात मेरे दिल में थोड़ी सी चुभती हैं कि देश का कर्ज किया पूरा पर दूध का कर्ज न भर पाया इक माँ की लाज बचाने में इक माँ को दर्द न दे जाऊँ इतनी भी साँस नहीं बाकी कि तुझे अलविदा कह पाऊँ ख़त माँ को मिलता है वो उसे पढ़ती है पर एक आँसू आँख में नहीं लाती माँ क्या कहती है आप पढ़िए और उस महान बलिदानी माँ के लिए एक जरूर करिए माँ के लफ्ज- मेरे लल्ला तेरे जैसे बेटों पे माँ बलिहारी है अपनी ममता से भी ज्यादा मुझे देश की इज्जत प्यारी है मैं खुश हूँ कि तेरे कारण कितने ही घर गुलजार हुए जिस ममता से पाला तुझकोअब ख़त्म वो सब उपकार हुए तकलीफ ये है भारत माँ पर न्यौछावर करने की खातिर क्यों एक हुआ बेटा मेरा क्यों ना बेटे दो- चार हुए अब तेरी जीत का जश्न करूँ तेरी माँ की ये तैयारी है अपनी ममता से भी ज्यादा मुझे देश की इज्जत प्यारी है

Motivational Story For Students In Hindi
एक बार एक व्यक्ति अपनी नयी कार को बड़े प्यार से पालिश करके चमका रहा था। तभी उसकी 4 साल की बेटी पथ्थर से कार पर कुछ लिखने लगी। कार पर खरोच लगती देखकर पिता को इतना गुस्सा आया की वह बेटी का हाथ जोर से मरोड़ दिया। इतना ज़ोर से की बेटी की ऊँगली टूट गई बाद में अस्पताल में दर्द से कराह रही बेटी पूछती है पापा मेरी ऊँगली कब ठीक होगी गलती पे पछता रहा पिता कोई जवाब नहीं दे पता। वह वापस जाता है और कार पर लातें बरसाकर गुस्सा निकलता है। कुछ देर बाद उसकी नज़र उसी खरोच पर पड़ती है जिसकी वजह से उसने बेटी का हाथ तोडा था। बेटी ने पत्थर से लिखा था " " दोश्तों गुस्सा और प्यार की कोई सीमा नहीं होती। याद रखें चीजें इस्तेमाल के लिए होती हैं और इंसान प्यार करने के लिए। लेकिन होता इसका उलट है आजकल लोग चीजों से प्यार करते हैं और इंसान को इस्तेमाल करते हैं

Real Life Motivational Story In Hindi
एक व्यक्ति आफिस में देर रात तक काम करने के बाद थका-हारा घर पहुंचा दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका छोटा सा बेटा सोने की बजाय उसका इंतज़ार कर रहा है अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा पापा क्या मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ हाँ -हाँ पूछो क्या पूछना है पिता ने कहा बेटा पापा आप एक घंटे में कितना कमा लेते हैं इससे तुम्हारा क्या लेना देना तुम ऐसे बेकार के सवाल क्यों कर रहे हो पिता ने झुंझलाते हुए उत्तर दिया बेटा – मैं बस यूँ ही जाननाचाहता हूँ प्लीज बताइए कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं पिता ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा नहीं बताऊंगा तुम जाकर सो जाओ “यह सुन बेटा दुखी हो गया … और वह अपने कमरे में चला गया व्यक्ति अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर उसके बेटे ने ऐसा क्यों पूछा पर एक -आध घंटा बीतने के बाद वह थोडा शांत हुआ फिर वह उठ कर बेटे के कमरे में गया और बोला क्या तुम सो रहे हो नहीं जवाब आया मैं सोच रहा था कि शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे डांट दिया।दरअसल दिन भर के काम से मैं बहुत थक गया था व्यक्ति ने कहा सारी बेटा मै एक घंटे में १०० रूपया कमा लेता हूँ थैंक यूं पापा बेटे ने ख़ुशी से बोला और तेजी से उठकर अपनी आलमारी की तरफ गया वहां से उसने अपने गोल्लक तोड़े और ढेर सारे सिक्के निकाले और धीरे -धीरे उन्हें गिनने लगा “ पापा मेरे पास 100 रूपये हैं क्या मैं आपसे आपका एक घंटा खरीद सकता हूँ प्लीज आप ये पैसे ले लोजिये और कल घर जल्दी आ जाइये मैं आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हूँ दोस्तों इस तेज रफ़्तार जीवन में हम कई बार खुद को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि उन लोगो के लिए ही समय नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा अहमयित रखते हैं इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि इस आपा-धापी भरी जिंदगी में भी हम अपने माँ-बाप जीवन साथी बच्चों और अभिन्न मित्रों के लिए समय निकालें वरना एक दिन हमें अहसास होगा कि हमने छोटी-मोटी चीजें पाने के लिए कुछ बहुत बड़ा खो दिया

Motivational Story In Hindi For Success
दो भाई समुद्र के किनारे टहल रहे थे दोनों के बीच किसी बात को लेकर कोई बहस हो गई बड़े भाई ने छोटे भाई की थप्पड़ मार दिया छोटे भाई ने कुछ नहीं कहा फिर रेत पर लिखा -आज मेरे भाई ने मुझे मारा अगले दोनों फिर से समुंदर किनारे घुमने के लिए निकले छोटा भाई समुन्द्र में नहाने लगा और अचानक डूबने लगा बड़े भाई ने उसे बचाया छोटे भाई ने पत्थर पे लिखा आज मेरे भाई ने मुझे बचाया बड़े भाई ने पुचा जब मेने तुझे मारा था तब तुमने रेत पर लिखा और आज तुम्हे बचाया तो पत्थर पे लिखा क्यों रोते हुए छोटे भाई ने कहा -जब कोई हमे दुःख दे तो हमे रेत पर लिखना चाहिए ताकि वो जल्दी मिट जाए लेकिन जब कोई हमारे लिए अच्छा करता है तो पत्थर पर लिखना चाहिए जो मिट ना पाए मतलब ये है की हमे अपने साथ हुई बुरी घटना को भूल जाना चाहिए जब की अच्छी चाटना को सदेव {हमेशा} याद रखना चाहिए आदमी गुस्से हो तो उसे प्यार की जरूरत होती है अगर हम भी अपना गुस्सा दिखाए तो बुरा अंजाम होता है

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Inspirational Stories Hindi Vishwas
Motivational Stories In Hindi Me
Real Life Inspirational Stories In Hindi
एक दिल को छू लेने वाली कहानी जरूर पढ़े
पत्नी ने पति से कहा "कितनी देर तक समाचार पत्र पढ़तेरहोगे ? यहाँ आओ और अपनी प्यारी बेटी को खानाखिलाओ" पति ने समाचार पत्र एक तरफ़ फेका और बेटी कीध्यान दियाबेटी की आंखों में आँसू थे और सामने खाने कीप्लेट बेटी एक अच्छी लड़की है
और अपनी उम्र के बच्चों सेज्यादा समझदार पति ने खाने की प्लेट को हाथ में लियाऔर बेटी से बोला"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो? आओबेटी मैं खिलाऊँ" बेटी जिसे खाना नहीं भा रहा था सुबकसुबक कर रोने लगी और कहने लगी"मैं पूरा खाना खा लूँगी परएक वादा करना पड़ेगा
आपको""वादा" पति ने बेटी को समझाते हुआ कहा "इस प्रकार कोईमहँगी चीज खरीदने के लिए जिद नहीं करते""नहीं पापा मैं कोई महँगी चीज के लिए जिद नहीं कर रहीहूँ" फिर बेटी ने धीरे धीरे खाना खाते हुये कहा"मैं अपने सभी बाल कटवाना चाहती हूँ"
पति और पत्नी दोनों अचंभित रह गए और बेटी को बहुतसमझाया कि लड़कियों के लिए सिर के सारे बाल कटवा करगंजा होना अच्छा नहीं लगता है पर बेटी ने जवाब दिया"पापा आपके कहने पर मैंने सड़ा खाना जो कि मुझे अच्छानहीं लग रहा था खा लिया और अब वादा पूरा करने कीआपकी बारी है"
अंततः बेटी की जिद के आगे पति पत्नीको उसकी बात माननी ही पड़ी अगले दिन पति बेटी कोस्कूल छोड़ने गयाबेटी गंजी बहुत ही अजीब लग रही थे स्कूल में एक महिला नेपति से कहा "आपकी बेटी ने एक बहुत ही बड़ा काम किया है
मेरा बेटा कैंसर से पीड़ित है और इलाजमें उसके सारे बालखत्म हो गए हैं वह् इस हालत में स्कूल नहीं आना चाहता थाक्योंकि स्कूल में लड़के उसे चिढ़ाते हैं पर आपकी बेटी ने कहाकि वह् भी गंजी होकर स्कूल आयेगी और वह् आ गईइस कारणदेखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया आप धन्य हैं कि आपके ऐसीबेटी है "
पति को यह सब सुनकर रोना आ गया और उसने मन हीमन सोचा कि आज बेटी ने सिखा दिया कि प्यार क्याहोता हैइस पृथ्वी पर खुशहाल वह नहीं हैं जो अपनी शर्तों पर जीते हैंबल्कि खुशहाल वे हैं जो जिन्हें वे प्यार करते हैं उनके लिए बदलजाते है यह कहानी ने आप के दिल को छुआ होतो लाईक व शेयर जरूर करे
Motivational Story In Hindi For Students
लड़का जान
लड़की तो में क्या करूं
लड़काईट्स ओके हाय ही बोल देती
लड़की देख़ो तुम मुझे जान मत बोलो
लड़का ओके स्वीट तो बोल सकता हूँ
लड़की नही ना जान ना
स्वीट ओके
लड़कालेकिन स्वीट
लड़की बहुत हो गया प्यार अब बस
भी करो
लड़का क्या तुम मुझसे प्यार नही करती
लड़की नही में तो मस्ती
कर रही थी
तुम सिरियस
हो गए तो में क्या करूँ
लड़का प्यार तुम्हे मज़ाक लगता हैं अगर यही
करना था तो क्यूँ आई मेरी ज़िन्दगी में
लड़की में तो टाइम पास कर रही
थी और तुम उसे सच समझ बैठ
गलती तुम्हारी हैं
लड़का प्लीज़ जान ऐसा मत करो प्लीज़
लड़की मज़ाक तो पहले था अब नही
और सुनो कभी दुबारा मुझे
फोन मत करना भूल जाओ मुझे
वो सब एक टाइम पास था और तुम मुझसे दूर चले जाओ फिर
कभी
मुझे ढूँढना ना और फोन काट देती हैं
लड़का बहुत बार उसे फोन करता है लेकिन फोन बंद मिलता है
दूसरे नम्बर पे भी कॉल करता है लेकिन
सभी नम्बर नॉट रेचेबल
बताता हैं
लड़काघर आकर सोचता है अपना हाथ का नाम काट लूँ
मिटा दूँ अपने आपको
फिर सोचता है मम्मी पाप का क्या होगा
वो मम्मी के पास आकर मम्मी के गले लग
कर खूब रोता है
और वो दूसरे शहर चला जाता हैं
वो उस लड़की को बहुत प्यार करता था उसने
कभी और किसी
से प्यार नही किया और ना कभी
शादी की
लोगो को के सामने हँसता था और लड़की की
याद में जीने लगा
लड़की भी बेवफा नही
उसकी शादी उसकी
मम्मी पापा ने कही और तय क्र
दी थी और
उसे कसम दिलाई अगर तू शादी नही
करेगी तो तू हमारा मरा मुँह देखेगी
लड़की ने मम्मी पाप के लिये अपने प्यार को
छोड़ दिया और
शादी कर ली
दूसरे दिन लड़की ने आत्म हत्या कर लिया
लड़की ने लड़को को शहर से बहार जाने को इस लिए
बोला
ताकि उसे पता न चले की उसका प्यार अब इस दुनिया में
नही
हैं
हमेशा लड़की ही गलत
नही होती"
वो बन्धी होती है
कभी अपने फैमली से तो कभी
अपने क्यूट से रिस्तो से
@

Motivational Storis In Hindi
के बाहर लम्बी लाईन लगी थी। नौकरी तो दस लोगों को मिलने वाली थी पर लम्बी कतार बता रही थी कि नौकरी की आशा में तीन सौ लोग लाईन में थे। शालिनी ने लोगो की बातचीत से ही अंदाजा लगा लिया था कि नौकरी का आवेदन करने वाले ज्यादा हैं। वह मन ही मन नर्वस हो रही थी
कि इतने आंख वालों के बीच उस अन्धी लड़की को में नौकरी कैसे मिलेगी तभी ने उसका नाम पुकारा और वह अपनी बहन स्नेहा के साथ अन्दर जाने लगी लेकिन ने स्नेहा को अन्दर जाने से रोक दिया। स्नेहा ने बताना चाहा कि उसकी बहन अंधी है मगर शालिनी ने उसके हाथ को दबाते हुए ईशारा करके रोक दिया और अकेले ही अन्दर जाने का मन बना लिया।
शालिनी इसी भ्रम में थी कि वह अंधी है तो क्या हुआ उसके पास शिक्षा की आंखे तो हैं मगर आज उसका भ्रम टूट गया। उसे की नौकरी के लिए अनुपयोगी माना गया। वह वापस बस में अपने शहर जा रही थी। उसके आंसू रूकने का नाम नही ले रहे थे। वह स्नेहा से कह रही थी कि-पिताजी ने अपना सारा पैसा मेरी पढ़ाई में लगा दिया। अब अगर मुझे नौकरी नही मिली तो दो वक्त की रोटी भी नसीब नही होगी।
उसकी ये सारी बातें उसी की सीट के पीछे बैठा राजू सुन रहा था। वह शालिनी के पडौस में रहता था और मन ही मन शालिनी को पसन्द करता था। मगर वह जानता था कि हीन भावना की शिकार शालिनी कभी उसकी जीवन संगिनी बनने को तैयार नहीं होगी। राजू को समझ में नही आ रहा था कि वह किस तरह शालिनी की मदद करे। सोचते-सोचते आखिर उसके दिमाग में एक खतरनाक विचार ने जन्म लिया।
उसने घर आकर शालिनी से मुलाकात की और उससे स्पष्ट शब्दों में कहा कि-मैं तुमसें प्यार करता हूँ। हालांकि मैं सुन्दर नही हूँ और शायद तुम्हारी आंखे होती तो तुम मुझे रिजेक्ट कर देतीं। शालिनी की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा-वो पागल होते है जो अपने चाहने वाले को रिजेक्ट कर देते है। पर राजू मैं तुमसे प्यार नही कर सकती। तुम अपने लिए कोई आंख वाली ढूंढ लो।राजू निराश होकर चला गया। कुछ ही दिनों में उसे किसी शहर में में नौकरी मिल गई और वह गांव छोड़कर चला गया।एक दिन गांव में कुछ वाले आए।
उनकी नज़र शालिनी पर गई तो उन्होंने उसे आशा बंधाई कि उसकी आंखे ठीक हो सकती हैं। हालांकि शालिनी को विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन के लोगो के आश्वासन देने पर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।अब शालिनी के पास आंखे थी। एक नही दो जो कि उसकी सुन्दरता में चार चांद लगा रहे थे। इस बार उसने एक में किया और उसे आठ लाख के की अच्छी नौकरी मिल गई। सबकुछ ठीक था
लेकिन अब उसे राजू की याद आ रही थी। उसने राजू को कई जगह तलाश किया। उसके घर पर भी पूछताछ की मगर राजू का कहीं पता नही चल रहा था।दूसरी ओर शालिनी की मां ने उसके लिए रिश्तों की तलाश शुरु कर दी थी पर शालिनी के दिल में तो राजू ही बसा था। शालिनी की तलाश ने अब एक मिशन का रूप ले लिया था।
वह सोचती रहती थी कि जो लडका एक अंधी लडकी को अपना बनाना चाहता हो उसका दिल कितना सुंदर होगा। वह राजू से मिलकर उसे सरप्राइज देना चाहती थी । वह राजू का हाथ पकड कर कहना चाहती थी कि राजू चल शादी करतें हैं। पर इसके लिए राजू का मिलना भी तो जरुरी था। राजू की तलाश अब से बदलकर प्राथना तक जा पंहुची थी।
एक दिन उसे उसी के एक कार्यक्रम में बनने का मौका मिला जिसमें कभी वह खुद पढा करती थी। वह स्नेहा को साथ लेकर स्कूल की सीढ़ीयां चढ़ रही थी तभी सीढ़ीयां उतर रहा एक स्नेहा से टकरा कर गिर गया। शालिनी दौड़कर उसे उठाने में मदद करने लगी जो कि वास्तव में वही राजू था जिसने किसी दिन शालिनी से अपने प्रेम का इजहार किया था। जैसे ही स्नेहा की नज़र राजू पर पड़ी उसके मुंह से निकला- राजू तुम?राजू ने भी स्नेहा की आवाज पहचान ली उसने कहा- स्नेहा तुम? तुम यहां क्या कर रही हो।स्नेहां ने कहा- पहले ये बताईए कि आप यहां क्या कर रहे हैं?राजू ने कहा- एक एक्सीडेंट में मेरी दोनो आखें चली गई।
इसलिए ब्रेल लिपी ( ) सीख रहा हूँ।शालिनी का तो दिमाग़ ही चकरा कर रह गया। वह मन ही मन सोचने लगी- “क्या यही राजू है। इतना काला इतना बदसूरत और आंखे ना होने की वजह से डरावना भी तो लगता है।“राजू ने स्नेहा से शालिनी के बारे में पूछा तो शालिनी ने तुंरत उसे इशारा किया कि उसके बारे में ना बताए। स्नेहा ने राजू से कहा कि- शालिनी तो नही आ पाई।राजू ने थोडा उदास होकर पूछा
अच्छा। पर शालिनी को तो के रुप में किया गया था।शालिनी ने स्नेहा को कुछ इशारे में समझाया। स्नेहा उसकी बात समझ गइ और उसने कहा कि- हां इनवाइट किया था पर उसके आंखो के अन्धेपन की वजह से नहीं आ सकती। इसलिए मैं स्कूल मैनेजमेंट को मना करने आई हूं।राजू की उदासी और गहरी हो गई। उसने स्नेहा से विदा ली और धीमें-धीमें स्कूल की सीढीयां उतरने लगा। उतरते हुए उसने अपना मोबाइल निकाल लिया था और उसमें कुछ नम्बर टटोलने लगा।
उसे अपने से दूर जाते देख शालिनी ने राहत की सांस ली और स्नेहा से कहा कि- हमने झूठ तो बोल दिया पर वह हमारा पडौसी है। यह झूठ ज्यादा दिन नही चलने वाला।शालिनी ने फैसला किया कि अब उसे चीफ गेस्ट नही बनना है वरना आज ही राजू को पूरा झूंठ पता चल जाएगा। शालिनी फिर से स्नेहा के साथ सीढियां उतरने लगी। उसने देखा कि राजू भी फोन पर गुस्से में किसी से बात करते हुए उतर रहा है।
शालिनी ने स्नेहा को समझाया कि- दबे कदमों से उतरना नही तो राजू हमारे कदमों की आहट से भी पहचान लेगा।दोनों दबे कदमो से राजू के करीब से गुजरी मगर फोन पर चल रही बातचीत से शालिनी को झटका सा लगा। वह थोडा रूककर ध्यान से राजू की बातें सुनने लगी। राजू फोन पर के लोगों को डांट रहा था कि शालिनी आज भी नही देख पा रही है। वह वालों को ना जाने क्या क्या कहता जा रहा था।
आखिर में उसके आंखो से आंसू निकल पडे और वालो को बद्दुआ देते हुए कहा- तुम लागों ने मेरी शालिनी की जिन्दगी खराब कर दी। काश मेरे पास और आंखे होती तो मैं दोबारा उसे आंखे दान कर देता मगर इस बार तुम्हारे पास नही आता।सारी बातें सुनकर शालिनी की आंखो से आंसू बह निकले वह राजू से जाकर लिपट गई और माफी मागने लगी। उसने जो-जो झूठ स्नेहा से बुलवाया था वह सब भी बता दिया।
राजू ने हंसकर कहा- अरे पगली।मैं तो जानता था कि आंखे मिलने पर तू मुझे रिजेक्ट कर देगी। इसीलिए तो मै खुद ही तुझसे दूर चला आया। अब मुझे तेरी जरुरत नहीं है क्योंकि जब से आंखे तुझे दी है तू मेरी आंखो में ही रहती है।शालिनी रोते हुए राजू के गले लग गई। उसने कहा- पर राजू मुझे तो तेरी जरुरत है। शायद मैं सुन्दरता के मायने ही भूल गई थी मुझे माफ कर दो
