पागल उसने कर दिया, एक बार देखकर !
मै कुछ भी ना कर सका लगातार देखकर !!
तेरी शान में क्या नज़्म कहूँ अल्फाज नही मिलते !
कुछ गुलाब ऐसे भी हैं जो हर शाख पे नही खिलते !!
थाम लूँ तेरा हाथ और तुझे इस दुनिया से दूर ले जाऊं !
जहाँ तुझे देखने वाला मेरे सिवा कोई और ना हो !!
में तेरी ज़ुल्फ़ों और आँखो में खोया रहता हु !
बस इसी तरह ज़िंदगी को जीने चाहता हु !!