मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो....
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और
तराशा जाये.!!
ख़्वाहिश ये नहीं की तारीफ़ हर कोई करे......
कोशिश ये ज़रूर है की कोई बुरा ना कहे.....
ये कैसी ख्वाहिश है कि मिटती ही नहीं..
जी भर के तुझे देख लिया फिर भी नजर हटती नहीं..