ईश्वर माफ़ कर देता है....
कर्म नहीं
इंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है वसीयत नही.
कर्म की गठरी लाद के जग में फिरे
इंसान जैसा करे वैसा भरे
यहीं विधि का विधान !
प्रत्येक कर्म बीज के समान होता है.
और जैसा आप बीज बोऐंगे वैसा ही फल पाएंगे.
यदि आपका कर्म अच्छा है तो,
आपका भाग्य भी आपके पक्ष में होगा।
ये दुनिया चलती है, मगर कुछ नियमों से।
उसी में से एक है कर्म, और वही सबसे बड़ा नियम है।