Jigri Yaar Shayari
Jigri Yaar Shayari
Tumse Na Milne Ki
तुझसे ना मिलने की कसम खाकर भी
हर राह में तुझे ही ढूँढा है मैंने
Tu Rahe Bekhabar
तू रहना बेखबर मेरे एहसासों से
फिर भी सारी उम्र शिद्दत से चाहेंगे तुझे
Tanhai Ki Aag Me
Tujhe Mnate Huae
घुटन सी होने लगी है इश्क जताते हुए
मैं खुद से रूठ सा गया हु तुझे मनाते हुए