Pyar Ka Izhaar Shayari
Izhar E Mohabbat Shayari
हमसे भी पूछ लो कभी हाल ए दिल जानबब कभी हम भी कह सकें कि दुआ है आपकी
मेरे दिल में उतर सको तो शायद ये जान लो कितनी खामोश मोहब्बत तुमसे करता है कोई
मैं लफ्ज़ सोच सोच कर थक सी गयी वो फूल देकर बात का इज़हार का गया

Pyar Ka Izhaar Shayari
उनकी ये ख़्वाहिश है हम जुबां से इज़हार करे हमारी ये आरज़ू है वो दिल की जुबां समझ ले
ज़रूरी तो नहीं ज़बान से कह दें दिल की बात ज़बान एक और भी होती है इज़हारे मोहब्बत की
इजहारे मोहब्बत पे अजब हाल था उसका आँखें तो रज़ामंद थी लब सोच रहे थे

Mohabbat Ka Izhaar Nahi Karte
अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते खामोशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते

रोमांटिक प्यार का इजहार करने वाली शायरी
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है

Unki Ye Kwahis Hai Ki Hum Zuban
उनकी ये ख्वाहिस है की हम जुबाँ से इजहार करे हमारी ये आरजू है की वो दिल की जुबां समझ ले

Tujhse Mai Izhare Mohabbat
तुझसे मैं इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत रहती

Kab Unki Aankho Se Izhar
कब उनकी आँखों से इज़हार होगा दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा गुज़र रही है रात उनकी याद में कभी तो उनको हमरा इन्तजार होगा
