कभी हम भी कह सकें कि दुआ है आपकी.
मेरे दिल में उतर सको तो शायद ये जान लो कितनी खामोश मोहब्बत तुमसे करता है कोई.
मैं लफ्ज़ सोच सोच कर थक सी गयी,वो फूल देकर बात का इज़हार का गया.
from : Pyar Ka Izhaar Shayari