मैंने भी चुप रहके पलट दी बजी।।
छोड़ जाने का कोई दुःख नहीं।
बस कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद न थी।।
मेरी समझ से बाहर है।
मेरे अंदर बैठा हुआ सख्स।।
तू अगर सुन नहीं पाया तो मेरी तरफ गौर से देखा।
बात ऐसी है की दोहराई नहीं जाएगी।।
तुझे खुद से निकाल तो दूँ
मगर सोचता हूँ,
फ़िर मुझमें बचेगा क्या..
पहली ख्वाहिश की बात रहने दो।
तुम मेरी आखिरी तमन्ना हो।।
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे ही देखने की चाहत रहती है!
Na Jane Kyon Tujhey Dekhne Ke Baad Bhi
Tujhey He Dekhne Ki Chahat Rahti Hai.
कितनी खूबसूरत हो जाती है दुनिया।
जब तुम कहती हो मुझे तुम याद आ रहे हो।।
हज़ारों का हुजूम है दिल के आस पास।
दिल फिर भी धड़कता है एक हे नाम से।।