Ghazal Shayari
Ranjish Hi Sahi Dard Bhari Ghazal
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।
कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रख तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ।
पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो रस्म-ओ-रह-ए-दुनिया ही निभाने के लिए आ।
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ।
इक उम्र से हूँ लज़्ज़त-ए-गिर्या से भी महरूम ऐ राहत-ए-जाँ मुझ को रुलाने के लिए आ।
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ।

Gajal Aye Zindagi Tere Liye
क्या क्या करना रह गया बाकी बस इतना बता दे बहुत भटक लिए गुमनामी में ए ज़िंदगी तेरे लिए।
जाना कहाँ है सपनों की खातिर बस वो राह दिखा दे दर दर झुकाया सिर गैरों के आगे ए ज़िन्दगी तेरे लिए।
हिम्मत अब भी है अंदर बस थोड़ी सी और बढ़ा दे बिना रुके निरंतर चलता रहा ए ज़िन्दगी तेरे लिए।
मिल जाये थोड़ी सी ख़ुशी बस उम्मीदों के डीप जला दे काटे हैं दिन रात आफत गर्दिश में ए ज़िन्दगी तेरे लिए।

Love Ghazal Jaisey Tum
सोचता हूँ कुछ लिखूं तेरे लिए फिर रुक जाता हूँ ये सोचकर की तुम अकेले में मुझे कैसे याद करती होगी? तब बस मैं केवल महसूस करत हूँ अकेले-अकेले और मुस्कुराता हूँ बिलकुल तुम्हारे तरह। जैसे तुम मुस्कुराती होगी अकेले में मुझे सोचकर।

Nikhat Amrohi Hindi Gazal Teri Chahat Se
तेरी चाहत से इंकार नहीं कर सकती फिर भी जो हद है वो पार नहीं कर सकती।
मेरी खामोश निगाहों के इशारे समझो वरना होंठों से मैं इज़हार नहीं कर सकती।
दफन कर सकती हूँ खुद अपनी मोहब्बत को मगर घर की इज़्ज़त पे कोई वॉर नहीं कर सकती।
रिश्तेदारों से झगड़ना मेरी फितरत में नहीं घर की अंगनाई में दीवार नहीं बन सकती।
कैसे में छोड़ दू माँ बाप की खिदमत करना अपनी जन्नत को मैं बेकार नहीं कर सकती।

Ghazal Shayari Images In Hindi
