इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
मैं हूँ, तुम हो और कुछ की ज़रुरत क्या है
मिलते है बहुत लोग जुबान को समझने वाले,
काश कोई मिले जो धड़कनों को समझे वाला
नशीब से ज्यादा भरोशा तुम पे किया
फिर भी नशीब उतना नही बदला जितना तुम बदल गए
Dear Janu Wo Pyar He Kia Jisme Sharatain Na Hon.