बहुत ही अजीब खेल है ये इश्क-मोहब्बत जो हरा वो फिर से ना खेला और जो जेता उसने तोबा कर ली !!
तोड़ दो न वो कशम जो तुम ने खाई है
कभी कभी याद कार्लो इसमें क्या बुराई है !!
कुछ आप हसीन है कुछ मौसम रंगीन है
तारीफ करू या चुप रहू जुर्म दोनों संगीन है
beksoor Log Bhi Bade Dilchasp Hote Hai
sharminda Ho Jate Hai Khata Ke Begair