मेरे दिल की दीवार पर तस्वीर हो तेरी
और तेरे हाथो में तकदीर हो मेरी
तेरे गुस्से पर भी आज हमे प्यार आया
चलो कोई तो है जिसने हक से हमे धमकाया
ना आंसुओं से छलकते है ना कागज पर उतारते है
दर्द कुछ होते है ऐसे जो दिल ही दिल में बसे है
तमाम जख्मो के साथ इसलिए जी रहा हूँ
की एक दिन वो मिलेगा जो मरहम लगाना जनता है
एक मुद्दत से चरागों की तरह जलती है
इन तरसती आँखों को बुझा दे कोई