mar kar wo log amar ho jaate hai
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है

Chale Aao
चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में,
देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रक्खा है

mere chat pe ek tiranga rehne do
खूब बहती है, अमन की गंगा बहने दो…
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो…
लाल हरे रंग में ना बाटो हमको…
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो
