कहती बेटी बाह पसारे
मुझे चाहिए प्यार दुलार
बेटी की अनदेखी क्यू
करता है कठोर संसार
सोचो जरा हमारे बिन
बसा सको गे क्या संसार
बेटी बनकर जन्म लिया
पिता का आँगन सजाया
मायके की याद दिल में
पति के घर को सजाया
माँ बनकर अच्छे संन्स्कारो से
बच्चो की ज़िन्दगी सवारी
अपने बारे में कभी ना सोचा
दुसरो की खुसी को अपनी ख़ुशी बनाई