Bachpan Shayari
Sukoon Ki Baat Mat Kar
सुकून की बात मत कर वो बचपन वाला इतवार अब नहीं आता चलो फिर ढूंढ लेते हैं उसी नादाँ बच्चे को

Bachpan Mein To Shamen Bhi Hua Karti Thi
बिना समझ के भी हम कितने सच्चे थे वो भी क्या दिन थे जब हम बच्चे थे।
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है

Bachpan Me Jaha Chahe
बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थे
जहाँ चाहा रो लेते थे और अब
मुश्कान को तमीज चाहिए
और आंसुओं को तन्हाई

Bachpan
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें
या ज़मीन पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी

Bachpan Ki Yaden

Childhood Quotes Poem In Hindi
बचपन में स्कूल की सुनहरी यादें
कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना
वो अपने बाल खुद न काढ पाना
पी टी शूज को चाक से चमकाना
वो काले जूतों को पैंट से पोछते जाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
वो बड़े नाखुनो को दांतों से चबाना
और लेट आने पे मैदान का चक्कर लगाना
वो के समय में ही रुक जाना
पकडे जाने पे पेट दर्द का बहाना बनाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
वो टिन के डिब्बे को फ़ुटबाल बनाना
ठोकर मार मार उसे घर तक ले जाना
साथी के बैठने से पहले बेंच सरकाना
और उसके गिरने पे जोर से खिलखिलाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
गुस्से में एक-दूसरे की
कमीज पे स्याही छिड़काना
वो लीक करते पेन को बालो से पोछते जाना
बाथरूम में सुतली बम पे अगरबती लगा छुपाना
और उसके फटने पे कितना मासूम बन जाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
वो के लिए को पटाना
को टालने के लिए उनसे गिडगिडाना
जाड़ो में बाहर धूप में लगवाना
और उनसे घर-परिवार के किस्से सुनते जाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
वो बेर वाली के बेर चुपके से चुराना
लाल –काला चूरन खा एक दूसरे को जीभ दिखाना
जलजीरा इमली देख जमकर लार टपकाना
साथी से आइसक्रीम खिलाने की मिन्नतें करते जाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना
दोस्तों अगर आपको अपने स्कूल दिनों की याद आई हो तो पोस्ट पर लाइक कमेंट और शेअर जरूर कीजिये

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